एक अधूरी लव स्टोरी - A True Love Story Hindi

दिल्ली ......! जितनी रफ्तार से यह सहर चलता है उतनी ही थमी थमी सी जिंदगी है यहां की। इन लोगों को देखकर ऐसा लगता है जैसे इन्हें इंतजार है किसी के आने का| इन सबके बीच मैं भी इंतजार कर रही थी। लेकिन किसी के आने का नहीं बल्कि किसी के पास जाने का। अब मेरे मन में थोड़ी सी भी उलझन नहीं थी बस इंतजार था, उससे मिलने का। अगर थोड़ी बहुत उलझन बची हुई थी तो उसमें इतना दम नहीं था कि वह मुझको रोक सके| मुझे लग रहा था कि मैं चिल्ला-चिल्लाकर सारी दुनिया से कह दू कि मुझे उससे प्यार हो गया है। और कल उससे इजहार करने वाली हूं। पर बताऊं तो कैसे? काश मेरी कोई छोटी बहन होती या फिर कोई दोस्त! जिससे मैं अपने मन की बात कह पाती। मेरा मन किया कि मम्मी को बता दूं। लेकिन मेरी उलझन तब और बढ़ गई! जब मुझे ख्याल आया कि-अगर उन्हें पता चला तो वह मुझे घर से बाहर भ...