एक अधूरी लव स्टोरी - A True Love Story Hindi
दिल्ली......! जितनी रफ्तार से यह सहर चलता है उतनी ही थमी थमी सी जिंदगी है यहां की। इन लोगों को देखकर ऐसा लगता है जैसे इन्हें इंतजार है किसी के आने का| इन सबके बीच मैं भी इंतजार कर रही थी। लेकिन किसी के आने का नहीं बल्कि किसी के पास जाने का।
अब मेरे मन में थोड़ी सी भी उलझन नहीं थी बस इंतजार था, उससे मिलने का। अगर थोड़ी बहुत उलझन बची हुई थी तो उसमें इतना दम नहीं था कि वह मुझको रोक सके| मुझे लग रहा था कि मैं चिल्ला-चिल्लाकर सारी दुनिया से कह दू कि मुझे उससे प्यार हो गया है। और कल उससे इजहार करने वाली हूं।
पर बताऊं तो कैसे? काश मेरी कोई छोटी बहन होती या फिर कोई दोस्त! जिससे मैं अपने मन की बात कह पाती। मेरा मन किया कि मम्मी को बता दूं। लेकिन मेरी उलझन तब और बढ़ गई! जब मुझे ख्याल आया कि-अगर उन्हें पता चला तो वह मुझे घर से बाहर भी न निकलने देगे। उन्होंने गांव जरूर छोड़ा था लेकिन वहां के विचार नहीं।
वैसे भी पापा मम्मी इन चीजों में कहां विश्वास रखते है और मेरी कहां सुनने वाले थे। हम गांव से आकर शहर में जरूर रहते है! और पापा एक उच्च पद पर सर्विस मैन भी है। लेकिन उनके खयालात अभी भी गांव वाले हैं। मैं यही सोच कर डर जाती हूं|लेकिन करू तोह क्या करूँ! अपनी love story किसके साथ शेयर करू।
लेकिन में उसे भुला भी तो नही सकती हूं। क्योंकि उसको इतना पसंद जो करती हूं। खैर छोड़िए! यह उलझन दिमाग में लिए मैं अपने कमरे में आ गयी। और अपना हेडफोन लगाकर अपने कमरे गाने सुनने लगी और डांस करने लगी। कुछ समय हुआ ही था। तभी थोड़ी देर में दूसरे कमरे से आवाज आई -"आज सोना नहीं है क्या? बेटा 11:00 बज रहे हैं! सुबह कॉलेज नहीं जाना क्या?"
लेकिन आज मेरे कदम कहां रुकने वाले थे। इतनी खुशी जो हो रही थी कि शब्दो मैं बयान करना मुश्किल था। मैंने नाचते हुए ही कहा- "हां मम्मी बस सोने ही वाली हूं आप सो जाइए|"अगर आज मेरे कोई नाचने का कोई मजाक उड़ाता तो भी मुझे आज कोई परवाह नहीं थी|
अभी में नाच ही रही थी, तभी पानी की तेज बूंदे मेरे चेहरे से आकर टकराई और मुझे आंखें खोलने पर मजबूर किया| पता नहीं उस टाइम मुझे क्या सूझा? खिड़की के पास जाकर उन बूंदो के साथ खेलने लगी। और अपने मुंह पर बार-बार उन बूंदो को फेकने लगी|
इतने में पता नहीं मेरे मन में क्या आया? खिड़की बंद की और अपनी डायरी निकाली जहां पर मैं अपने बारे में लिखती थीं। आज भी में कुछ अपनी love story के बारे में लिखने लगी। लेकिन आज जो लिख रही थी, वह सीधे मेरे दिल से आ रहा था। मानो ऐसा लग रहा था जैसे डायरी से अपने मन की बात कर रही हूं।